खोरठा लेख: ‘सुखल फूटानी’ शादी – बीहा के चक्कर

“सुखल फुटानी”
अब शादी के लगन खतम … हामें ई साल भी कुंवारे रेह गेलो….
पता नाय घरवाला सब के कईसन लड़की चाही , नौकरी करो हो तावो लड़की नाय मिले हय।🙂

इ जब से लड़का – लड़की के शादी से पहले एक दूसरा के देखे के सिसटम आय गेल हय, तब से शादी सेट हवे में दू – तीन साल तो लगबे करतो। ओकर से पहले कोई लड़की या लड़का मिलये नाय सकल हो। 🙂
कभी लड़का लड़की के देख के छायट देतो , तो कभी लडकिये लड़कवा के, तो कभी लड़का – लड़की के परिवार वाला ।😏

दोसर के की बात बोलबो हमरे घर के सुन ले:- हमें सरकारी नोकरी करो हो , देखाय में भी ठीके ठाक हो, लम्बाई भी पाच फुट दस इंच। घर दुवार भी ठीके हय। एक साल आपन से खूब लड़की देखलो पर कही कोई लड़की थोडा भी नाय जचल। 🙂

कोई लड़की हाइट में कम तो कोई उमर में कम तो कोई हमर घर वाला सब के सबसे फेब्रेट लड़की बहुत मकजोर हय । अगर ई सब थोडा बहुत होय भी जाय तो लड़की चेहरा से खुलो नाय हो, येहे सब बोयल के रिश्ता कैनसल।🤣

अगुवा सब रोजे रोजे घर एते आवो हथ की फिलिम के हीरो जइसन फीलिंग आवे लागल, पर दू साल में अको लड़की नाय मिललो। तब तंग आय के घार वाला सब से बोयल देलो की तोहनी जइसन लड़की धुंएँढ़ के बोलबे की ई लड़की से बिहा कर तो हम केर लेबो।
घर वाला सब लागल हथुन पर इ साल भी कोई बात नाय बनल।
😛😛😛😛

एक शाम को एहे लड़का लड़की के बात घर में चलो हलय की फलना गाव में एगो लड़की हो , फलना के बेटी लगे.. एते पढल हय… तखने काफी देर से हमनिक बात सुन रहल दादी आपन जमाना के बात बतवे लागलय कि कैसे शादी सेट हवो हलय-

“जखन हमरा देखेल आयल हलथुन तब बस 4 गो गांव के बूढ़ा सब आयल हलथुन। हमरा बैठाय के बस नाम , बापके नाम पुएछ के , एगो पैना( डंडा) से लंबाई नायप के छोयड देलथुन।
सही बोली दादी उस टाइम बस इतना देखते थे की लड़की कैसी है और घार का काम काज आता हे की नही।”

दादी फिर आगे बताई की जब दादी के पिताजी जब मेरे दादा को देखने आये थे तो बस लड़का देखे फिर देखे की घार में केतना मन धान होता है, घर में पोरा(पुआल) के गद्दा कितना बड़ा है, और बस शादी तय हो गया। दादा – दादी ने एक दूसरे को शादी के कई दिन बाद भी ठीक से देखा नही था।

आर देखा दादा – दादी के जोड़ी केतना अच्छा, अब तक 50 साल कर जिंदगी साथ बिताय लेलय, ढेर सारा बच्चा, नाती पोता देख लेलय। आर अब भी खुसी खुसी जी रहल हय।
एक जमाना ऐसन भी हलय जब बस लड़का के घर में केतना बड़ा गोबर डिंग है देख के शादी तय भय जाय हलय।

पर अब पता नही क्या हो गया है कोई भी लड़का लड़की के शादी 2-3 साल से पहले तय होता ही नही।

लड़का लड़की के डिमांड बेढ़ गेल हय, लड़का लड़की एक दूसरा को देखले बिना शादी करतो नाय। गुण के साथ बहुत कुछ मिलना चाहिए।

लड़की वालो को तो बस नोकरी वाला लड़का ही चाहि, नोकरी में भी शर्त लड़का आर्मी या पुलिस में नाय होना चाही। जे लडकिया देखाय में सुन्दर हतो उनकर घरवाला के तो बस इन्तेजार रहो हय की कब कोई नोकरी वाला लड़का आय आर बिना डिमांड के लड़की उठाय ले जाय, येहेे इन्तेजार में बैठल रहो हत।
नोकरी वाला लड़का सब के भी अलग नखड़ा , लड़की एकदम ऐश्वर्या राय जइसन होना चाही, आर दहेज़ में पैसा भी खूब चाही।

एहे एहे चक्कर में लड़का लड़की वाला सब लागले रहो हत 3-4 साल। आर जब शादी होय जा हय तब एक दो महीना में ही रंग दिखे लागो हय। येतना मेहनत करे के बाद भी अपन दादा दादी जेतना बजबूत रिश्ता नाय जुड़े पारो हय।

मेरा माने तो भगवान पहले जैसा ही कर दे शादी का सिसटम। चट मंगनी पट शादी, जीवन भर का साथ।

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