Home झारखंड पूर्वी सिंहभूम पूर्वी सिंहभूम: स्वर्णरेखा और खरकई नदी का जलस्तर बढ़ने से 2000 घर प्रभावित, 8 से 9 फिट पानी में डूबे घर

पूर्वी सिंहभूम: स्वर्णरेखा और खरकई नदी का जलस्तर बढ़ने से 2000 घर प्रभावित, 8 से 9 फिट पानी में डूबे घर

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पूर्वी सिंहभूम: स्वर्णरेखा और खरकई नदी का जलस्तर बढ़ने से 2000 घर प्रभावित, 8 से 9 फिट पानी में डूबे घर

पूर्वी सिंहभूम: लगातार दो दिनों से हो रही भरी बारिश की वजह से जन जीवन पूरी तरह से प्रभावित हुआ है। जमशेदपुर में लगातार हो रही बारिश के बाद तबाही का मंजर। सुवर्णरेखा नदी के बाढ़ से 2,000 से अधिक घर प्रभावित हुए है। स्वर्णरेखा और खरकई नदी के जलस्तर बढ़ जाने से नदी के निचले इलाकों में भारी जलजमाव हुआ है। कई इलाकों में बाढ़ जैसी हालत बनी हुई है। हालत यह है कि लोगों के घर 8 से 9 फिट तक पानी में डूब गए है। लोग छतों में रहकर मदद के इंतजार में है।

दो दिन पहले ही चांडिल डैम के 3 गेट खोले गए थे। जिस कारण से नदियों का जलस्तर काफी बढ़ गया है। प्रशासन ने पहले ही नीचे के इलाकों में रह रहे लोगो को अलर्ट कर दिया था और सुरक्षित जगहों पर शरण लेने की अपील की थी।

कई इलाकों में बिजली सेवा पूरी तरह ठप

लगातर हो रही बारिश और तेज हवा के कारण कल से ही जमशेदपुर के बड़े हिस्से में जहां ओवरहेड वायरिंग सिस्टम के जरिए बिजली की आपूर्ति की जाती है, बिजली आपूर्ति बाधित हुई है। लगातार हो रही बारिश एवं तेज हवा के बहाव से कई पेड़ की शाखाएं ओवरहेड बिजली की लाइन पर गिर गई हैं। पेड़ों के गिरने से क 33 केवी और 11 केवी लाइनों में इंसुलेटर भी पंक्चर हो गए हैं। पेड़ों के गिरने से सड़क बंद हो गए है। लगातार हो रही बारिश और तेज हवा के कारण राहत कार्यों में दिक्कत आ रही है।

ट्विटर के माध्यम से लगा रहे मदद की गुहार

जिन इलाकों में पानी भरा है वहा के लोगों की स्थिति गंभीर बनी हुई है। घरों के 8 से 9 फीट पानी मे घर डूबे होने की वजह से लोग छत में मदद के इंतजार में है। लोगो तक अभी तक प्रशासन से कोई मदद नही प्राप्त हुई है।

धीरे धीरे कम हो रहा है नदी का जलस्तर

राहत की बात यह है कि बारिश के रुक जाने से स्वर्णरेखा व खरकई नदी के जलस्तर में धीरे धीरे कमी आ रही है। DC पूर्वी सिंहभूम ने जानकारी दी है कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत बचाव कार्य हेतु 8 अतिरिक्त पदाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की गई है। खाद्य सामग्री वितरण के साथ साथ टैंकर से पेयजलापूर्ति सुनिश्चित की जा रही। प्रशासन के द्वारा लोगो की मदद की पूरी कोशिश की जा रही है।

जानमाल की सुरक्षा को देखते हुए शेल्टर होम/आश्रय गृह कार्यरत करते हुए पदाधिकारियों/कर्मियों की प्रतिनियुक्ति की गई है ताकि आकस्मिक स्थिति में तत्काल राहत पहुंचाई जा सके।

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