झारखण्ड राज्य के राजधानी रांची से लगभग 25 किलोमीटर की दूरी रांची -टाटा (NH-33) राजमार्ग पर तैमरा घाटी अवस्थित है। तैमारा घाटी में प्रवेश करते ही अपने आप समय और तारीख़ बदल जाता है। स्थानीय लोगों का मानना है कि कोई भी व्यक्ति अगर इस घाटी के क्षेत्र में प्रवेश करता है, तो उसका मोबाईल ऑटोमेटिक टाइम जोन सेट है तो, उसके मोबाइल पर दो साल पहले का समय और तारीख़ में बदलाव का प्रभाव देखने को मिलता है।
![](https://jharkhandplus.com/wp-content/uploads/2022/07/2020-12-21.jpg)
तैमारा घाटी में कुछ लोगों का मानना है कि तैमारा घाटी के उपर से कर्क रेखा गुजरती है, जिसके वजह से इस इलाकों में मोबाईल में ऑटोमेटिक टाइम जोन में बदलाव का प्रभाव होता है। आस-पास के स्कूलों के शिक्षक भी बताते है कि बायोमैट्रिक अटेंडेंस में भी दो साल आगे तक का एटेंडेंस बन जाता है। कोई बार ऑनलाइन आवेदन फ़ॉर्म भरने में भी दिक्कत आती है, जिसके वजह से ऑनलाइन फॉर्म भी अपडेट नहीं हो पाता है।
![](https://jharkhandplus.com/wp-content/uploads/2022/07/2022-03-04.jpg)
तैमारा घाटी में हनुमान जी और एक काली मंदिर स्थापित है। काफ़ी लोग इस मंदिर में पूजा-अर्चना करने के लिए मन्दिर पहुंचते हैं। मन्दिर के पुजारी बताते है कि कोई भक्त जन अगर श्रद्धा मन से पूजा अर्चना करने आते है, तो उसका मनोकामना पूर्ण हो जाता है।
तैमारा घाटी में प्रवेश करते ही गाड़ियों के आवागमन में गाड़ियों के रफ़्तार की गति अपने आप बढ़ जाती है। मन्दिर के पुजारी बताते है कि कोई यात्री अगर गाड़ी रख कर गाड़ी में लाईट जला के छोड़ देता है,और मन्दिर में प्रवेश करता है तो गाड़ी का बत्ती स्वत बंद हो जाता है। तैमारा घाटी वास्तव में एक रहस्यमय जगह बना हुआ है। अभी तक कोई इसका पुख्ता सबूत नहीं मिला है।