कोडरमा (रिपोर्टर श्रीकांत शर्मा की रिपोर्ट): झारखंड में जब बारिश का महीना हो और फुटबॉल ना खेला जाए तो बेईमानी की बात होगी। वैसे तो फुटबॉल सालों बार खेला जाता है लेकिन जैसे ही बारिश का मौसम शुरु होता है झारखंड के हर गली मोहल्ले में फुटबॉल टूर्नामेंट के मैच देखने को मिल जाते हैं।
कोडरमा जिला की बात करे तो जिले में फुटबॉल की काफी लोकप्रियता है, यहां के खिलाड़ी पूरी साल जोश जुनून और जज्बे के साथ प्रतिदिन कठिन अभ्यास करते हैं। लेकिन दुःख के बात है कि फुटबॉल खिलाड़ियों की सारी मेहनत पर तब पानी फिर जाता है जब यहां ना कोई लीग मैच होता है और ना ही ज़ोनल मैच का आयोजन होता है। कोई बड़ी लीग मैच ना होने की वजह से खिलाड़ियों की मेहनत रंग नही ला पाती है। इसके पीछे की मुख्य वजहा यह है कि अब तक जिले का ना कोई फुटबॉल एसोसिएशन बना है और ना ही जिले की कोई रजिस्टर्ड टीम है। जबकि यहां के फुटबॉल खिलाड़ियों में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है।
कोई नही सुन रहे खिलाड़ियों की बात
खिलाड़ियों का कहना है कि जिले का बड़ा नेता हो या छोटा नेता सब अपनी राजनीतिक रोटी सेकने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं। आज तक किसी भी नेता द्वारा एसोसिएशन को रजिस्टर्ड कराने का पहल नहीं की गई, जिससे कि जिले के खिलाड़ी राज्य स्तरीय ट्रायल में अपने प्रतिभा को दिखा सके। खिलाड़ियों को यह बोलकर घुमा दिया जाता है कि कोडरमा जिला फुटबॉल एसोसिएशन ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन से रजिस्टर्ड नहीं है। नेता आते है और मैच के दौरान मंच से लंबी लंबी भाषण देके चले जाते है। फुटबॉल एसोसिएशन नही होने की वजह से जिले के खिलाड़ियों के पूरे साल भर के मेहनत को उड़ान भरने से रोक दिया जाता है। यदि कोई विधायक या नेता इस समस्या को गंभीरता से लें तो अमूमन यहां के खिलाड़ी राज्य स्तर तक अपनी छाप छोड़ सकते है।