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झारखंड में इस साल सरकारी स्कूलों में नही होगी गर्मी की छुट्टियां

झारखंड की हेमंत सोरेन की सरकार ने फैसला लिया हैं कि इस साल भी सरकारी स्कूलों में गर्मी की छुट्टियां रद रहेंगी। इस दौरान कक्षा एक से 12वीं तक की विशेष कक्षाएं आयोजित की जाएंगी, ताकि छात्रों की पढ़ाई पूरी हो सके। उनका अधूरा पाठ्यक्रम पूरा हो सके। इस अभियान को सरकार ने ‘निदानात्मक शिक्षा’ नाम दिया है।

सभी जिलों को विभाग की ओर से भेजा गया निर्देश

सरकार के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने इस दिशा में अपनी तमाम तैयारियां पूरी कर ली हैं। झारखंड के सभी 24 जिलों के जिला शिक्षा पदाधिकारियों को इसकी सूचना भी भेज दी गई है। विभाग ने कहा है कि अप्रैल से जून महीने के बीच कक्षा एक से 12वीं तक स्टूडेंटस के लिए विशेष कक्षाएं आयोजित की जाएं। यह कदम कोरोना संक्रमण के कारण स्कूल बंद होने की वजह से उठाया गया है। मालूम हो कि कोरोना के कारण झारखंड में सभी सरकारी स्कूल लंबे समय तक बंद थे। इस कारण छात्रों की पढ़ाई बुरी तरह से प्रभावित हुई है। इस नुकसान की भरपाई के लिए विशेष कक्षाएं आयोजित करने की पहल की जा रही है।

निदानात्मक शिक्षा नाम से अभियान चलाया जायेगा

निदानात्मक शिक्षा नामक इस अभियान के तहत शिक्षक स्कूल आएंगे और कक्षा एक से 12वीं तक के छात्रों को पढ़ाएंगे। इसके लिए विभाग की ओर से 40 करोड़ रुपये खर्च करने का प्रविधान किया गया है। इतना ही नहीं विभाग ने शैक्षणिक सत्र को तीन महीने के लिए बढ़ा भी दिया है। यानी अब शैक्षणिक सत्र 31 मार्च की जगह 30 जून को खत्म होगा। इन तीन महीनों में छात्रों के कोर्स पूरा कराने की जवाबदेही शिक्षकों की होगी। अभिभावकों से भी अपील की गई है कि वह अपने बच्चों को इस दरम्यान स्कूल अवश्य भेजें।

कोरोना में छात्रों की पढ़ाई हुई प्रभावित

यह कदम कोरोना संक्रमण के कारण स्कूल बंद होने की वजह से उठाया गया है। मालूम हो कि कोरोना के कारण झारखंड में सभी सरकारी स्कूल लंबे समय तक बंद थे। इस कारण छात्रों की पढ़ाई बुरी तरह से प्रभावित हुई है। इस नुकसान की भरपाई के लिए विशेष कक्षाएं आयोजित करने की पहल की जा रही है।

धनबाद : डाक्टर के इंतजार में मरीज की मौत

धनबाद के तोपचांची प्रखंड स्थित साहुबहियार स्वास्थ्य केंद्र में बुधवार 9 मार्च को एक मरीज ने डॉक्टर के इंतजार में दम तोड दिया. घटना के संबंध में बताया जाता है कि बुधवार सुबह गेंदनावाडीह निवासी युगल किशोर महतो (50) की सुबह अचानक तबीयत बिगड़ गई, जिसे आनन-फानन में स्वास्थ्य केंद्र साहुबहियार 108 एंबुलेंस के सहारे लाया गया. परंतु स्वास्थ्य केंद्र में डाक्टर नहीं रहने के कारण मरीज का इलाज नहीं हो सका. मरीज की स्थिति ज्यादा गंभीर होती चली गई और उसने दम तोड दिया.

मृतक के पत्नी समीया देवी ने बताया कि डॉक्टर नहीं है. उनकी तबीयत सुबह से बहुत खराब हो गई थी. स्वास्थ्य केंद्र में एएनएम सुनेना कुमारी ने बताया कि डॉक्टर नहीं है. धनबाद से आ रहे हैं. युगल किशोर महतो टीवी जैसी गंभीर बीमारी से ग्रसित थे.

पूर्वजों के खून पसीने से सींचे गये झारखंड राज्य को लूटने नहीं देंगे- टाइगर जयराम महतो

झारखंड को हमारे पूर्वजों ने खून पसीना बहाकर लिया है। हम उनके कुर्बानी व अधिकार को फिर से गुलाम नहीं होने देंगे। हमारी माटी व संस्कृति पर सबसे पहले मेरा अधिकार है ना कि पांच डिसमील जमीन के मालिक बने परदेशी का।

उक्त बातें सोमवार को भाषा संघर्ष समिति के बैनर तले आयोजित एक सभा में जयराम महतो ने कही। बाघमारा पोलो ग्राउंड में जन सभा को संबोधित करते हुए जयराम महतो ने कहा कि झारखंड के कोयले से रोशनी पूरे देश में जगमगा रही है, परंतु यहां रहने वाले लोग अंधेरे में रहते हैं। कोयला हमारा, पानी हमारा और बिजली दूसरे को ये अब नहीं चलेगा। झारखंडी कब तक शोषित होते रहेंगे। बिनोद बाबू ने कहा था कि पढ़ो ओर लड़ो। पढ़ाई तो हम कर लिए लेकिन हमारे हिस्से की नौकरी का अधिकार दूसरे प्रदेश के लोग ले रहे हैं। अपने अधिकार के लिये आंदोलन की जरूरत है तभी बिनोद बाबू के सपने को साकार कर सकते हैं। कोयला की खदानें झारखंड के धनबाद में और मुख्यालय कोलकाता में, यह कहां का न्याय है। कठिन परिश्रम से झारखंड राज्य मिला है। अपने अधिकार का हनन नहीं होने देंगे। खेत-खलियान छोड़ कर हमारे पूर्वजों ने अलग राज्य हासिल किया है। परदेशी हमें गुलाम बनाने के लिए षड्यंत्र रच रहे हैं। परदेशी झारखंडी बन बैठे हैं और हम माटी के लोग परदेशी बन गए हैं। यह लड़ाई अब भाषा की लड़ाई नहीं रह गई है। अब ये लड़ाई अपने अधिकार के लिए लड़ी जा रही है। बंगाल के लोग बंगाल के लिए, बिहार के लोग बिहारी के अधिकार के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं, तो हम झारखंडी अपने अधिकार के लिए क्यों नहीं लड़े। अब झारखंड 21 साल का युवा हो गया है। 90 प्रतिशत झारखंड के विधायक ऐसे हैं, जिनके बच्चे के भविष्य बनाने के लिये पहले प्लानिंग हो जाती है। बेटा हुआ तो डीपीएस में पढ़ेगा और बेटी होगी तो कार्मेल में पढ़ेगी। विधायक हो या मंत्री डरने की जरुरत नहीं है। मरना तो सभी को है, डरने का समय नहीं है, लड़ने की जरूरत है। जयराम महतो ने अपना सम्बोधन खोरठा भाषा में दिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता नारायण महतो ने की, जबकि संचालन महादेव महतो ने किया। सभा को सम्बोधित करने वालों में शंकर महतो, मुखिया गोपाल महतो, मुक्तेश्वर महतो, राम प्रसाद महतो, इंदर रविदास, बिक्रम महतो, उमेश नापित, बिकाश महतो, अजय महतो, गिरधारी ठाकुर, बिजय महतो, लखविन्दर महतो, बंशी महतो, जाटल महतो, किशोर महतो आदि शामिल थे।

पुलिस संग गुत्थमगुत्थी, बैरिकेडिंग टूटी, विधानसभा घेरने जा रहे आजसू नेताओं को पुलिस ने रिंग रोड पर रोका।

आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो ने कहा कि राज्य की सरकार ने आज पूरे प्रदेश की पुलिस को सिर्फ आजसू के नेताओं, कार्यकर्ताओं और युवाओं को रांची पहुंचने से रोकने के काम पर लगाया है. जितनी ताकत सरकार राज्य के लोगों की आवाज को दबाने में लगा रही है उतना अगर वह स्थानीय नीति, नियोजन नीति, सरना कोड और ओबीसी आरक्षण 27 % करने पर लगाती तो युवाओं को सड़क पर नहीं उतरना पड़ता. आजसू के विधानसभा घेराव मार्च में विधायक लंबोदर महतो, देवशरण भगत, रामचंद्र सहित कई आजसू नेता शामिल हैं.

राज्य में 1932 खतियान आधारित नियोजन नीति, स्थानीय नीति, ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण सहित कई मांगों को लेकर विधानसभा का घेराव करने जा रहे आजसू कार्यकर्ताओं को पुलिस ने रिंग रोड पर ही रोक दिया है. इसको लेकर आजसू कार्यकर्ताओं की पुलिस संग गुत्थमगुत्थी भी हुई. इसमें बैरिकेडिंग भी टूट गई. इधर, आजसू कार्यकर्ता वहीं धरने पर बैठ गए और धरना जनसभा में तब्दील हो गया. जनसभा को संबोधित करते हुए आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो ने कहा-झारखंड सरकार लोगों की आवाज दबा रही है.

इससे पहले जैसे ही आजसू कार्यकर्ता ढोल नगाड़े बजाते रिंग रोड के दलादली चौक से निकले, थोड़ी दूर पहुंचने पर पहले से ही बैरिकेडिंग कर तैयार पुलिस ने आजसू कार्यकर्ताओं को रोक लिया. इस बीच आजसू कार्यकर्ताओं की पुलिस संग गुत्थमगुत्थी भी हुई, जिसमें बैरिकेडिंग भी टूट गई. बाद में आजसू कार्यकर्ता वहीं धरने पर बैठ गए और धरना जनसभा में तब्दील हो गया. यहां पार्टी सुप्रीमो सुदेश महतो ने सोमवार को कार्यकर्ताओं से कहा कि जिस तरह से सरकार ने आज पूरी राजधानी को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया है, उससे साफ हो गया है कि वर्तमान सरकार राज्य के लोगों की आवाज दबाना चाहती है.

अब धनबाद में स्टेशन पर क्यूआर कोड को स्कैन कर लीजिए जनरल टिकट

स्टेशन पर बुकिंग काउंटरों के आगे लगने वाली लंबी-लंबी कतारें छोटी हो जाएंगी। ट्रेनों में अनारक्षित टिकट पर यात्रा की अनुमति मिलते ही धनबाद स्टेशन पर एक साथ चार आटोमेटिक टिकट वेंडिंग मशीन (एटीवीएम) की शुरुआत कर दी गई।

वेडिंग मशीन के माध्यम से यात्री अपने मोबाइल से क्यूआर को स्कैन कर देश के किसी भी स्टेशन का अनारक्षित टिकट ले सकते हैं।

धनबाद स्टेशन के बुकिंग काउंटर सामने और स्टेशन के मुख्य गेट के ठीक बगल में पीपल पेड़ के नजदीक दो-दो एटीवीएम लगाई गई हैं। सीनियर डीसीएम अखिलेश कुमार पांडेय ने बताया कि एटीवीएम को यात्रियों के लिए काफी सरल और सुगम बनाया गया है। यूपीआई आधारित किसी भी कैश बॉलेट से यात्री टिकटों के किराए का भुगतान कर सकते हैं। मसलन गूगल पे, पेटीएम, अमजेन, एयरटेल बैंक, फोन पे या अन्य मोबाइल बैंकिंग का इस्तेमाल करने वाले चुटकियों में जेनरल टिकट कटा सकते हैं। उन्हें कतारों में लग कर अपनी बारी का इंतजार नहीं करना होगा।

एटीवीएम का उपयोग स्मार्ट कार्ड की सहायता से भी किया जा सकता है। बुकिंग कार्यालय में इसके लिए एक अलग से काउंटर बनाया गया है। काउंटर पर 50 रुपए के सिक्यूरिटी पर एक स्मार्ट कार्ड दिया जाएगा। कार्ड में न्यूनतम 20 रुपए का रिचार्ज करा सकते हैं। यह पीप्रेड कार्ड पूरी तरह बॉलेट का काम करेगा। कार्ड में रिचार्ज करा कर यात्री आसानी से अनारक्षित टिकट ले सकते हैं। बुकिंग काउंटर के साथ-साथ एटीवीएम में भी यूपीआई की सहायता से कार्ड को रिचार्ज किया जा सकता है।

सभी स्टेशनों पर लगेंगे एटीवीएम

रेलवे आने वाले दिनों में सभी छोटे-बड़े स्टेशनों पर एटीवीएम लगाने की तैयारी में है। फिलहाल धनबाद डिवीजन में धनबाद स्टेशन के अलावा कोडरमा में एटीवीएम लगाई गई है। बड़े स्टेशनों पर पहले से यह सुविधा है। इसके अलावा अनारक्षित टिकट कटाने के लिए यात्री यूटीएस एप का भी प्रयोग कर सकते हैं। यूटीएस एप पहले से प्रभावी है। डेबिट और क्रेडिट कार्ड से एप में टिकट के लिए भुगतान की व्यवस्था है।

स्रोत: हिंदुस्तान

बासुदेवकोना गुमला: सावन के महीने में जल चढ़ाने के लिए भक्तों की उमड़ती है भीड़।

बासुदेवकोना : बासुदेव कोना झारखंड राज्य के गुमला जिले के रायडीह ब्लॉक में पतराटोली बाजार से लगभग 3 किमी दूर सुरम्य वातावरण में स्थित है। देवाधिदेव स्वयंभू शिव का मंदिर भगवान विश्वकर्मा द्वारा बनाया गया है।

बासुदेव कोना मंदिर के नाम से मशहूर इस छोटे से सुंदर, जाग्रत मंदिर में सावन के महीने में जल चढ़ाने के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ती है। यहां वांछित परिणाम प्राप्त होता है। अन्य दिनों में मंदिर परिसर में विवाह, भंडारा, यज्ञ, अखंड कीर्तन आदि का आयोजन किया जाता है। मंदिर की संरचना इसकी मुख्य विशेषता है, गर्भगृह की छत को देखकर ऐसा लगता है कि यह पूरा मंदिर एक ही पत्थर पर टिका हुआ है।

बासुदेवकोना

प्रचलित मान्यता के अनुसार इस आकर्षक मंदिर का निर्माण भगवान विश्वकर्मा ने करवाया है। गुमला जिला मुख्यालय से 18 किमी और बिसरा मुंडा हवाई अड्डे से 115 किमी दूर स्थित इस स्थान की प्राकृतिक सुंदरता ध्यान आकर्षित करती है। यहां सड़क मार्ग से आसानी से पहुंचा जा सकता है।

बासुदेवकोना भारतीय स्वतंत्रता सेनानी बख्तर सई के लिए भी प्रसिद्ध हैं। वह बासुदेव कोना के जागीरदार थे। उन्होंने 1812 में पहाड़ पनरी के परगनाईट के साथ ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी।

बासुदेवकोना

झारखंड बजट 2022- 21: हर परिवार के लिए प्रति माह 100 यूनिट मुफ्त बिजली देने का दावा

झारखंड सरकार ने राज्य के लिए 2020-21 का बजट पेश कर दिया। हेमंत सोरेन सरकार का यह पहला बजट था। मगंलवार को विधानसभा में बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने ऐलान किया कि अब 100 यूनिट तक फ्री बिजली मिलेगी।झारखंड के वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने रांची में एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि बिजली के बिल का बोझ कम करने के लिए प्रत्येक परिवार के लिए प्रति माह 100 यूनिट बिजली मुफ्त देने की राज्य सरकार ने योजना बनायी है। उन्होंने बताया कि इस योजना के लिए और उर्जा के क्षेत्र में आधारभूत संरचना मजबूत करने के लिए उर्जा क्षेत्र के लिए आगामी बजट में 4854.94 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इसके साथ ही सरकारी विद्यालयों में कक्षा 1 से लेकर 12 तक के सभी वर्ग (सभी जाति) के छात्र-छात्राओं को छात्रवृति देने की घोषणा भी की गई। वहीं इलाज के लिए सरकार ने पूरे राज्य में 100 मोहल्ला क्लिनिक खोलने का ऐलान किया है।

इस बजट की खास बातें…

  • कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए 1 लाख रुपए सब्सिडी
  • आयुष्मान भारत योजना में जो लोग नहीं आते, उनका राज्य सरकार बीमा 5 लाख रुपए का बीमा करेगी
  • राज्य की 92 फीसदी आबादी स्वास्थ्य बीमा के दायरे में आ जाएगी
  • पीपीपी मॉडल से सभी जिलों में डायलिसिस केंद्र बनेंगे, 300 बेड वाला कैंसर अस्पताल बनेगा
  • 50 हजार परिवार आजीविका से जुड़ेंगे, ईको टूरिज्म पर रहेगा सरकार का ध्यान
  • राज्य में जनजातीय यूनिवर्सिटी और आवासीय स्कूल बनाने के साथ बालिका शिक्षा के लिए भी घोषणा
  • 50 हजार परिवारों को आजीविका से जोड़ा जाएगा। सिंचाई के लिए 300 चेक डैम पूरे किए जाएंगे
  • किसानों की कर्ज माफी के लिए दो हजार करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।पीएम किसान फसल योजना में बदलाव, झारखंड राज्य किसान राहत कोष बनाया जाएगा
  • 50 जिलों में सीएफटी योजना की शुरुआत होगी।
  • हर जिले में दो-दो कोल्ड स्टोरेज बनाए जाएंगे।
  • पीएम आवास योजना के तहत सृजित किए जाने वाले आवास के लिए 50 हजार रुपए अतिरिक्त राशि दिए जाने का प्रस्ताव है।
  • बाबा साहेब अंबेडकर योजना के तहत पांच हजार आवास बनाए जाएंगे।
  • एंबुलेंस सेवा का विस्तार किया जाएगा।
  • प्रत्येक जिला मुख्यालय में एक विद्यालय में गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा पर बढ़ावा देने की योजना।
  • लोहरदगा, गढ़वा, खूंटी, रामगढ़, लातेहार, गोड्‌डा व बोकारो में नर्सिंग कॉलेज खोले जाएंगे।
  • डिजिटल शिक्षा के लिए 100 करोड़ रुपए का प्रावधान है।
  • रोजगार के बेहतर अवसर के लिए सेंट्रल प्लेसमेंट सेल का गठन किया जाएगा।
  • पर्यटन क्षेत्र में आगामी वित्तीय वर्ष में 50 हजार रोजगार का लक्ष्य रखा गया है।
  • रसोइया सह सहायिका के मानदेय में 2 हजार रुपए की बढ़ोतरी होगी।
  • मोबाइल पशु चिकित्सा क्लिनिक की शुरुआत की जाएगी।
  • -57 लाख परिवारों को अनुदानित दर पर खाद्यान के अतिरिक्त 10 रुपये में मिलेगा लुंगी, धोती एवं साड़ी। 200 करोड़ के प्रावधान।

विशेष छात्रवृति योजना की शुरुवात करने की घोषणा

हेमंत सोरेन सरकार के पहले बजट में एक विशेष छात्रवृति योजना शुरू करने की घोषणा हुई है। इसके लिए अलग से 30 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। वहीं मिड डे मिल बनाने वाले रसोइयों के मानदेय में 500 रुपए की वृद्धि की गई है। अब 1500 की जगह उन्हें 2000 रुपए का मानदेय मिलेगा। इसके सात थी डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री डिजिटल प्रोप्साहन योजना शुरू की जाएगी।

जामताड़ा के बराकर नदी में नाव पलटी, 16 लोगों के डूबने की आशंका, चार को बचाया गया

झारखंड के जामताड़ा में गुरुवार की शाम बड़ा हादसा हो गया। तेज बारिश एवं आंधी के बीच बराकर नदी में एक यात्री नाव पलट गई और उसमें सवार 16 लोगों के नदी में डूबने की आशंका है। हालांकि नाव पर सवार चार लोगों को बचा लिया गया है।आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि नाव में कितने लोग सवार थे अभी इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है।

घटना की जानकारी मिलते ही जामताड़ा के उपायुक्त फैज़ अहमद मुमताज़ और पुलिस अधीक्षक दीपक कुमार सिन्हा घटनास्थल पर पहुंच गए और राहत एवं बचाव कार्य का स्वयं निरीक्षण कर रहे हैं। उपायुक्त फैज़ ने बताया कि दुर्घटना में नदी में डूब रहे चार लोगों को बचा लिया गया है और एनडीआरएफ के जवान अन्य लोगों की तलाश में जुटे हुए हैं।

उन्होंने बताया कि मामले की जांच शुरू कर दी गयी है। स्थानीय लोगों के अनुसार नाव में डेढ़ दर्जन से अधिक लोग सवार थे। क्षेत्र में लगातार रुक-रुक कर हो रही बारिश के कारण बचाव कार्य में मुश्किल आ रही है। जानकारी के अनुसार सभी लोग निरसा से जामताड़ा की ओर नाव से लौट रहे थे। इसी दौरान बारिश होने लगी और तेज हवा के कारण नाव बीच नदी में पलट गई।

एनडीआरएफ पहुंची, राहत कार्य में बारिश से दिक्कत

हादसे के बाद एनडीआरएफ बुला ली गई है। घटनास्थल पर जामताड़ा डीसी फैज अक अहमद मुमताज और एसपी दीपक कुमार सिन्हा कैंप कर रहे हैं। जामताड़ा डीसी ने बताया कि बचाव के लिए देवघर से एनडीआरएफ की टीम को मंगाया गया है, जो रेसक्यू ऑपरेशन चलाकर नदी पानी में डूबे लोगों को सुरक्षित निकालने का प्रयास कर रही है। मौसम खराब होने और रात होने के कारण रेस्क्यू शुरू नहीं किया जा सका है। बारिश भी हो रही है।

हिचकोले खाते ही अफरातफरी मची, आठ बाइक भी थी

जानकारी के अनुसार 18-20 लोगों के साथ नाव पर करीब आठ बाइक की ढुलाई की जा रही थी। अचानक संध्या करीब साढ़े छह बजे मौसम खराब हो गया और आंधी आ गई। इस कारण आंधी के बहाव में नाव पानी में हिचकोले खाने लगी। इस बीच लोगों में अफरातफरी मच गई। नाव में सफर कर रहे किसी भी यात्री ने लाइफ जैकैट नहीं पहन रखा था।

जामताड़ा थाना क्षेत्र के मेंझिया मोमिनपाड़ा के अबुल अंसारी, उनकी पत्नी और दो बच्चे नाव पर सवार थे, जो लापता है। इसके अलावे श्यामपुर के राशिद अंसारी उपचुरिया अपनी बहन के घर से लौट रहे थे। उनके साथ उनकी पत्नी और साली नाव पर सवार थी। इन लोगों का पता नहीं चल सका है। वहीं, घटना की सूचना मिलने पर गोड्डा के पूर्व सांसद फुरकान अंसारी पहुंचे और ग्रामीणों से मुलाकात की। अंसारी ने सरकार से मृतक के आश्रितों को मुआवजा और नौकरी देने की मांग की। साथ ही अविलंब नदी पर पुल निर्माण कराने की मांग भी की।

स्रोत : live हिंदुस्तान

झारखंड ड्राइविंग लाइसेंस: अगर आपके पास भी है किताब(बुकलेट) वाला ड्राइविंग लाइसेंस तो जल्दी करें

अगर आप अभी भी वो पुरानी वाली ड्राइविंग लाइसेंस मतलब किताब (बुकलेट) और हस्तलिखित, फॉर्म या बुकलेट की तरह जारी ड्राइविंग लाइसेंस लेकर घूम रहे है तो यह आपके लिए अंतिम अवसर है उसे ऑनलाइन कराने का. झारखंड में इस प्रकार की सभी पुराने ड्राइविंग लाइसेंस वालों को ऑनलाइन कराना होगा. परिवहन विभाग ने इसके लिए अंतिम तारीख 12 मार्च 2022 के शाम चार बजे तक का समय दिया है. जिला परिवहन कार्यालय में मूल लाइसेंस के साथ ऑनलाइन इंट्री कराने को कहा गया है. इस संबंध में जिला परिवहन पदाधिकारी प्रवीण प्रकाश ने आदेश जारी किया है.

परिवहन विभाग ने सभी जिलों के डीटीओ को इस सम्बन्ध में कहा है कि बैकलॉक इंट्री का प्रावधान भारत सरकार के सारथी वेबपोर्टल पर 15 मार्च तक ही उपलब्ध रहेगा. उक्त तिथि के बाद हस्तलिखित निर्गत लाइसेंस (डी.एल. किताब एवं फार्म 7 लाइसेंस) वाले ड्राइविंग लाइसेंस की बैकल़ॉग इंट्री नहीं की जा सकेगी.

बता दे कि हस्तलिखित डीएल के कई नुकसान है. इनके खराब होने का रिस्क हमेशा बना रहता है. बारिश में भीग जाने या फिर पर्स में रखने के कारण ये जल्दी खराब होने लगता है. चिप वाले स्मार्ट डीएल कार्ड के खराब होने का खतरा लगभग नहीं है. साथ ही पुलिस या डीटीओ द्वारा लाइसेंस चेकिंग के दौरान हस्तलिखित डीएल को लेकर ऑरिजिनल होने के संदेह से भी छुटकारा मिलेगा.

तीन धर्मों के संगम स्थल इटखोरी में शुरू हुवा इटखोरी महोत्सव 2022

तीन धर्मों के संगम स्थली इटखोरी की पावन भूमि पर मां भद्रकाली के आंचल तले भगवान बुद्ध की तपोभूमि एवं जैन धर्म के दसवें तीर्थकर भगवान शीतलनाथ स्वामी की पवित्र जन्मभूमि पर कल 19/02/2022 से 21/02/2022 तक इटखोरी महोत्सव का आज से शुभारंभ हुआ।

इटखोरी महोत्सव 2022का उद्घाटन बतौर मुख्य अतिथि माननीय श्रम नियोजन प्रशिक्षण एवं कौशल विकास विभाग,झारखंड सरकार श्री सत्यानंद भोक्ता द्वारा किया गया।

वहीं विशिष्ट अतिथि के रूप से माननीय सांसद चतरा लोक सभा क्षेत्र, श्री सुनील कुमार सिंह, माननीय विधायक सिमरिया विधानसभा क्षेत्र,श्री किशुन कुमार दास, उपायुक्त अंजली यादव, पुलिस अधीक्षक राकेश रंजन, विभिन्न राजनीतिक दलों के जिला अध्यक्ष, मंदिर प्रबंधन समिति अध्यक्ष/सदस्य की गरिमामयी उपस्थिति में दीप प्रज्वलित कर शुभारंभ किया गया।

राजकीय इटखोरी महोत्सव आयोजित करने के पीछे सिर्फ सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजन उद्देश्य नहीं था, बल्कि झारखंड के चतरा जिले में पर्यटन विकास की उम्मीदों के साथ इटखोरी महोत्सव की नींव रखी गई थी। वैसे तो इटखोरी महोत्सव को राजकीय उत्सव का दर्जा वर्ष 2016 में प्राप्त हुआ था। लेकिन इटखोरी महोत्सव का आयोजन वर्ष 2015 में ऐतिहासिक मां भद्रकाली मंदिर परिसर में शुरू कर दिया गया था।

भद्रकाली मंदिर प्रांगण में सांकेतिक महोत्सव आयोजन को लेकर 19 फरवरी सुबह से शाम तक लोगों की भीड़ इक्कट्ठा रही। जिससे मंदिर प्रांगण में चहल-पहल का माहौल बना रहा। मंदिर प्रांगण में दूधिया और रंगीन रोशनी की बेहतरीन व्यवस्था की गई है, जो आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। यहां सांस्कृतिक कार्यक्रम में भी लोगों की भीड़ इकट्ठा रही। जैसे-जैसे शाम ढलता गया, स्थानीय कलाकारों की एक से बढ़कर एक गीत और संगीत पर दर्शक भक्ति में गोता लगाते रहे।