रामगढ़ (सौरभ नारायण सिंह):- मंगलवार को टोटेमिक कुरमी/कुडमी समाज प्रतिनिधिमंडल के द्वारा कुरमी/कुड़मी (महतो) जनजाति को अनुसूचित जनजाति की सूची में शमिल करने कि मांग की गई। इस अवसर पर टोटेमिक कुरमी/कुडमी समाज पूर्व जिला परिषद अध्यक्ष ब्रह्मदेव महतो ने बताया की टोटेमिक कुरमी जनजाति देश की आजादी से पहले प्रीमिटिव ट्राइब (आदिम जनजाति) में सूचीबद्ध था, किन्तु 1950 ई० में जब देश गणतंत्र हुआ तब कुरमी/कुड़मी जनजाति को छोड़कर सभी आदिम जनजाति को अनुसूचित जनजाति की सूची में सूचीबद्ध किया गया। इसे तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने संसद में सरकारी भूल एवं भूल सुधारने की बात कबूल की थी, तब से अबतक 72 वर्षों से लगातार यह जनजाति अनुसूचित जनजाति की सूची में सूचीबद्ध हेतु संघर्षरत है। यदि राज्य सरकार के माध्यम से केन्द्र सरकार यथाशीघ्र कुड़मी/कुरमी महतो जनजाति को अनुसूचित जनजाति की सूची में सूचीबद्ध करने की पहल नहीं करती है तो आगामी 20 सितंबर 2022 से पूरे झारखण्ड में अनिश्चितकालीन रेल चक्का जाम किया जाएगा। प्रतिनिधिमंडल में टोटेमिक कुरमी/कुडमी समाज के रिझु महतो, निरंजन महतो राहुल महतो, पंकज कुमार, देवधारी महतो, बालकृष्ण ओहदार सहित अन्य लोग मौजुद थे।