आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो ने कहा कि राज्य की सरकार ने आज पूरे प्रदेश की पुलिस को सिर्फ आजसू के नेताओं, कार्यकर्ताओं और युवाओं को रांची पहुंचने से रोकने के काम पर लगाया है. जितनी ताकत सरकार राज्य के लोगों की आवाज को दबाने में लगा रही है उतना अगर वह स्थानीय नीति, नियोजन नीति, सरना कोड और ओबीसी आरक्षण 27 % करने पर लगाती तो युवाओं को सड़क पर नहीं उतरना पड़ता. आजसू के विधानसभा घेराव मार्च में विधायक लंबोदर महतो, देवशरण भगत, रामचंद्र सहित कई आजसू नेता शामिल हैं.
राज्य में 1932 खतियान आधारित नियोजन नीति, स्थानीय नीति, ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण सहित कई मांगों को लेकर विधानसभा का घेराव करने जा रहे आजसू कार्यकर्ताओं को पुलिस ने रिंग रोड पर ही रोक दिया है. इसको लेकर आजसू कार्यकर्ताओं की पुलिस संग गुत्थमगुत्थी भी हुई. इसमें बैरिकेडिंग भी टूट गई. इधर, आजसू कार्यकर्ता वहीं धरने पर बैठ गए और धरना जनसभा में तब्दील हो गया. जनसभा को संबोधित करते हुए आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो ने कहा-झारखंड सरकार लोगों की आवाज दबा रही है.
इससे पहले जैसे ही आजसू कार्यकर्ता ढोल नगाड़े बजाते रिंग रोड के दलादली चौक से निकले, थोड़ी दूर पहुंचने पर पहले से ही बैरिकेडिंग कर तैयार पुलिस ने आजसू कार्यकर्ताओं को रोक लिया. इस बीच आजसू कार्यकर्ताओं की पुलिस संग गुत्थमगुत्थी भी हुई, जिसमें बैरिकेडिंग भी टूट गई. बाद में आजसू कार्यकर्ता वहीं धरने पर बैठ गए और धरना जनसभा में तब्दील हो गया. यहां पार्टी सुप्रीमो सुदेश महतो ने सोमवार को कार्यकर्ताओं से कहा कि जिस तरह से सरकार ने आज पूरी राजधानी को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया है, उससे साफ हो गया है कि वर्तमान सरकार राज्य के लोगों की आवाज दबाना चाहती है.