देवघर में लगने वाला विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला 14 जुलाई से शुरू होने वाला है। कोरोना के कारण 2 सालों से श्रावणी मेले को स्थगित कर दिया गया था जो कि इस साल से पुनः शुरू हो रहा है, और उम्मीद की जा रही है कि इस साल लगभग 50 लाख भक्त दर्शन करने को पहुंचेंगे।
देवघर श्रावणी मेला
बैद्यनाथ धाम, देवघर या बाबा धाम हिंदुओ का एक प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है। यह भारत में स्थित 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। देवघर में लगने वाला विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला शिव भक्तों में बहुत ही प्रसिद्ध है और खास मायने रखता है। देश और विदेश से लोग सावन के महीने में देवघर आते हैं और बाबा बैजनाथ धाम के मंदिर में शिवलिंग का जलाभिषेक करते हैं। सावन के महीने में हर दिन लगभग डेढ़ लाख लोग जल अर्पित करते हैं। ऐसे में देखा जाए तो इस साल और भी ज्यादा लोग आएंगे, क्योंकि कोराेना के कारण 2 सालों से लोगों ने बाबा के दर्शन नहीं किया है। इस प्रकार से हम कर सकते हैं कि प्रतिदिन डेढ़ लाख श्रद्धालु और महीने में लगभग 50 लाख लोग बाबा के दर्शन करेंगे। आइए आज आपको बताते हैं देवघर में लगने वाले श्रावणी मेला के बारे में।
वैसे तो देवघर के मंदिर में सालो भर श्रद्धालु आते है लेकिन सावन का महीना शिव भक्तों के लिए खास होता है। श्रावणी मेला हर साल सावन के महीने में शुरू होता है और पूरे 30 दिन चलता है। सावन महीने के पहले दिन से ही श्रद्धालु देवघर में आते हैं और बाबा के मंदिर में जल चढ़ाते हैं। सावन के महीने में पडने वाले सोमवार में और भी ज्यादा भीड़ होती है, क्योंकि हिंदू धर्म में सोमवार के दिन भगवान शिव का पूजा करना शुभ माना जाता है।
शिव भक्त देवघर स्थित मंदिर के शिवलिंग में जलाभिषेक कराने के लिए, पवित्र गंगाजल बिहार के सुल्तानगंज से कांवर में भर कर लाते हैं। सुल्तानगंज देवघर से लगभग 105 किलोमीटर दूरी पर स्थित है।
बोलबम का जयकारा लगाते हुए करते है यात्रा
शिव भक्त सबसे पहले सुल्तानगंज में गंगा नदी में स्नान करते हैं और बाबा अजगैविनाथ मंदिर में पूजा कर पवित्र यात्रा को पूरा करने का संकल्प लेते है। उत्तरवाहिनी गंगा से गंगाजल को दो बर्तनों में भरकर और कांवर में रखते है फिर कवर को कंधो में रखकर 105 किलोमीटर की दूरी तय करते हैं। कई भक्त जो शारीरिक रूप से कमजोर होते है और चलने में असमर्थ होते हैं वे यह दूरी वाहनों के द्वारा तय करते हैं और देवघर पहुंचते हैं। सारे श्रद्धालु गेरुआ वस्त्र धारण करते है और पूरी यात्रा बोलबम का जयकारा लगाते हुए करते है। हर तरफ बस बोलबम के जयकारे की आवाज सुनाई देती है।
देवघर पहुंचने के बाद दर्शन के लिए उपलब्ध भीड़ के अनुसार श्रद्धालु कतारों में लग जाते हैं। मंदिर और जिला प्रशासन के द्वारा भुगतान के आदर पर शीघ्र दर्शनम की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाती है। देवघर में बाबा के जलाभिषेक के बाद श्रद्धालु बासुकीनाथ स्थित मंदिर में भी जल चढ़ाने के लिए जाते हैं बासुकीनाथ मंदिर देवघर से 45 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
सावन महीने के सोमवार होते है खास
सावन के पवित्र महीने में सोमवार का खास मौत होता है क्योंकि हिंदू धर्म के अनुसार सोमवार के दिन शिव की पूजा की जाती है ऐसे में सावन के महीने में पड ने वाले सोमवार के दिन देवघर में भक्तों का बहुत ही बड़ा जत्था पहुंचता है। सोमवार के दिन में शिवभक्त उपवास रखते हैं और भगवान शिव के मंदिर में जलाभिषेक करते हैं।
श्रावणी मेला 2022 की तिथि
इस साल श्रावणी मेले का आयोजन 2 सालों के बाद हो रहा है। हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल का सावन का महीना 14 जुलाई से शुरू हो रहा है, और 30 दिनों तक यानी 12 अगस्त तक रहेगा। इस महीने में कुल चार सोमवार है जिनकी तिथि इस प्रकार है :-
- पहला सोमवार- 18 जुलाई 2022
- दूसरा सोमवार- 25 जुलाई 2022
- तीसरा सोमवार- 1 अगस्त 2022
- चौथा सोमवार- 8 अगस्त 2022
तीर्थ यात्रियों के लिए दिशा निर्देश
- जिला प्रशासन द्वारा निर्धारित किए गए कांवड़ियों के मार्ग को ही उपयोग में लाएं।
- कतार में रहे और कतार में जल्दी बाजी ना करें।
- पुलिस और प्रशासन के द्वारा लाउडस्पीकर पर दिए जा रहे आदेशों का पालन करें।
- यात्रा के दौरान और मंदिर परिसर के अंदर कीमती आभूषण और जेवरात ना पहने और ना ही लेकर जाएं।
- अफवाहों पर विश्वास ना करें।
- चिकित्सा की आवश्यकता पड़ने पर पुलिस और चिकित्सा सेवा केंद्रों से सहायता लें।
- बच्चों और बुजुर्गों को प्राथमिकता दें।
- मंदिर में प्रवेश करने से पहले एक्सेस कार्ड सिस्टम से अपना एक्सेस कार्ड प्राप्त करें।
- मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश के दौरान कतार में रहे।
- अधिकारियों द्वारा दिए जा रहे आदेशों का पालन करें।
- अपने आप को शांत रखें और बुद्धि तत्परता का प्रयोग कर भगदड़ से सुरक्षित रहें।
देवघर में ठहरने के स्थान
अगर आप देवघर में रुकने की सोच रहे हैं तो आपको वहां पर तीर्थ पुरोहित (पांडा जी) से संपर्क कर लेना चाहिए। वह आपको रहने के लिए उनके घर, गेस्ट हाउस या धर्मशाला कीव्यवस्था करा देंगे।अगर आपका देवघर के किसी पांडा जी से संपर्क नहीं है तो आप देवघर स्थित होटलों में रुक सकते हैं। देवघर में स्थित होटलों की बुकिंग आप किसी भी ऑनलाइन माध्यम से या सीधे होटलों में जाकर कमरा बुक कर सकते हैं।