सरायकेला खरसावां: ईचागढ़ प्रखंड के सितु पंचायत के हरतालडीह गांव में झारखण्डी भाषा खतियान संघर्ष समिति को लेकर शुक्रवार को एक बैठक हुई जिसमें 1932 का खतियान आधारित विषय पर चर्चा हुआ. जिसमें सरकार जल्द 1932 का खतियान लागू करें अन्यथा आंदोलन उग्र रहेगा. बैठक में ग्रामीणों के साथ विचार-विमर्श किया गया कि हमारे झारखण्ड राज्य अलग होने के बावजूद भी अनेक मूलभूत सुविधाओं से वंचित है. राज्य में अनेक खनिज संपदाओं से भरा हुआ है लेकिन बाहरियों को रोजगार देने के पीछे सरकार तुली हुई है.
आज हमारे झारखण्ड के युवा पढ़े-लिखे होने के बावजूद भी युवा रोजगार से वंचित है. आज चारों तरफ लूट मची है चाहे वो बालू हो या कोयले कि काली कमाई सरकार के गलत बेवस्था का खामियाजा यहां के स्थानीय लोगों को भुगतना पड़ रहा है. एक बार फिर झारखंडी युवाओं को जागना होगा और सड़क से सदन तक आन्दोलन खतियान आधारित नीति के लिए सरकार को दबाव बनाना होगा.
मौके पर उपस्थित संगठन के सक्रिय सदस्य फूलचंद , शशिभूषण रामसिंह मुंडा,गोपेश , भावानंद कुमार , आशु कालिंदी , मलिंदर गोप, विष्णु, महेश , चेतन, भवन, सुकदेव, बिरशासेन, रघुनाथ, देव रोहिन, राजेश, जोगेंद्र, सुंदरा देवी, बीना महातानी,आदि ग्रामीण उपस्थित थे।