झारखंड स्थापना दिवस पर जिले के बरकाकाना ओपी प्रभारी विनय कुमार का एक ऑडियो वायरल हुआ था, जिसमें वे आदिवासी ग्रामीणों को गाली देते हुए सुनाई दे रहे थे।
रांची/रामगढ़ (सौरभ नारायण सिंह) : झारखंड स्थापना दिवस पर रामगढ़ जिले के बरकाकाना ओपी प्रभारी विनय कुमार का एक ऑडियो वायरल हुआ था, जिसमें वे आदिवासी ग्रामीणों को गाली देते हुए सुनाई दे रहे थे। उनका ऑडियो वायरल होते ही पूरे पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया था। इस मामले को लेकर आदिवासी छात्र संघ के सदस्य विधायक चमरा लिंडा से मिलने रांची उनके आवास पहुंचे। और उन्हे इस पूरे घटना की जानकारी देते हुए audio भी सुनाया। जिसके बाद विधायक चमरा लिंडा ने आदिवासी छात्र संघ के सदस्यों को कहा कि इस मामले को लेकर वह CM हेमंत सोरेन से मिलेंगे और बड़काकाना ओपी प्रभारी विनय कुमार पर त्वरत कार्रवाई करते हुए उसे सस्पेंड कर जेल भेजने की मांग करेंगे। उन्होंने कहा कि अगर जल्द कार्यवाही नही होती है तो रामगढ़ जिले के आदिवासी ग्रामीण गोलबंद होकर विरोध मार्च निकालेंगे।
क्या था मामला
बरकाकाना ओपी प्रभारी विनय कुमार ने अपने थाना क्षेत्र के पोचरा गांव के लोगों को लगातार भद्दी भद्दी गालियां दे रहे थे। वे पोचरा गांव के ही एक प्रबुद्ध नागरिक छोटेलाल करमाली से फोन पर बात कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने यहां तक कह डाला कि अगर किसी की औकात है, तो वे राष्ट्रपति और सुप्रीम कोर्ट तक जाकर शिकायत करें। उनका कुछ भी बिगड़ने वाला नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि किसी गांव वालों की यह औकात नहीं कि उनके खिलाफ शिकायत तक कर सके।
रामगढ़ एसपी से की गई थी शिकायत
पूरे मामले पर छोटे लाल करमाली और गांव के अन्य लोगों ने रामगढ़ एसपी पीयूष पांडे से शिकायत की थी। एसपी को दिए गए लिखित आवेदन में ग्रामीणों ने कहा है कि इस तरह के थाना प्रभारी को क्षेत्र में रहने की गुंजाइश ही नहीं बनती है। उन्होंने कहा कि पुलिस जनता के सहयोग और उनकी सुरक्षा के लिए है, ना कि वे अपना तानाशाही रवैया अपनाएं और लोगों को परेशानी में डालें, जिस तरह की बात और भाषा का प्रयोग उन्होंने किया है वह किसी भी स्तर पर शोभनीय नहीं है। छोटेलाल करमाली ने कहा कि आज झारखंड में हेमंत सोरेन की सरकार लगातार मूल वासियों को न्याय दिलाने के लिए काम कर रही है। ऐसे न्याय प्रिय सरकार में ऐसे अभद्र भाषा वाले थाना प्रभारी क्षेत्र में रहने का हक नहीं।
एसपी ने ओपी प्रभारी के खिलाफ बिठाई थी जांच
इस पूरे प्रकरण पर एसपी ने ग्रामीणों को इस बात का आश्वासन दिया है कि वे तत्काल इस पर कार्रवाई करेंगे। उन्होंने एक जांच कमेटी का भी गठन किया था, जो बरकाकाना ओपी प्रभारी विनय कुमार के खिलाफ जांच कर रही है।
किस बात को लेकर तैश में थे ओपी प्रभारी
बरकाकाना ओपी प्रभारी किस बात के लिए तैश में थे इसकी कहानी भी बड़ी दिलचस्प है। 13 नवंबर की शाम तेलियातु गांव निवासी प्रमोद कुमार महतो अपनी पत्नी और बच्चे के साथ हॉस्पिटल से घर लौट रहे थे। प्रमोद कुमार महतो फौज में भी हैं और वर्तमान में गंगटोंक में पदस्थापित हैं। छुट्टी में वह घर आए थे तो अपने बीमार बच्चे को दिखाने के लिए रामगढ़ के एक निजी अस्पताल में आए थे। लौटते वक्त पोचरा गांव के पास उनकी बाइक के आगे अचानक से एक टाटा सूमो ओवरटेक कर रुकी। इस दौरान जब उन्होंने ब्रेक लगाने की कोशिश की तो उनकी पत्नी भी बाइक से नीचे गिरते-गिरते बची। अचानक हुए इस घटना के बाद प्रमोद कुमार महतो ने टाटा सुमो पर सवार लोगों को यह कहा कि वे लोग गलत तरीके से गाड़ी चला रहे हैं और अगर संयोग खराब होता तो भीषण दुर्घटना भी हो जाती। उनकी बात पर गाड़ी के अंदर मौजूद शख्स ने खुद को बड़ा बाबू बताते हुए कहा कि एक्सीडेंट हुआ नहीं है तो पहले ही इतना क्यों बोल रहा है। इसके बाद वे आवेश में आ गए और उन्होंने भद्दी गालियां दी। प्रमोद कुमार महतो ने उनसे परिचय पत्र मांगा तो उन्होंने कहा कि वे बरकाकाना ओपी प्रभारी हैं। लेकिन क्योंकि वह सिविल ड्रेस में थे तो प्रमोद महतो और उस व्यक्ति के बीच बहस हो गई। इसी दौरान उस व्यक्ति ने प्रमोद महतो को थाना ले जाने की भी बात कही। बाद में ग्रामीणों के द्वारा वहां बीच बचाव किया गया और कहा गया कि जिस तरीके से टाटा सुमो चल रही थी उससे दुर्घटना हो सकती थी। ग्रामीणों का यह विरोध भी उन्हें नागवार गुजरा। इस पूरे मामले को लेकर छोटेलाल करमाली के साथ बरकाकाना प्रभारी विनय कुमार की वार्ता हो रही थी और वह शराब के नशे में धुत होकर लगातार गाली दिए जा रहे थे।