देश की कोयला राजधानी धनबाद में जंगलों को काटने के विरोध में चिपको आंदोलन की तर्ज पर फिर से एक आंदोलन शुरू हो गया है. कोयला उत्पादन बढ़ाने को लेकर हरे-भरे जंगलों कि बलि दी जा रही है.
बीसीसीएल के पीबी एरिया में हजारों पेड़ों को काटने के लिए प्रशासनिक अनुमति भी दे गई है. जिसको लेकर स्थानीय ग्रामीणों के साथ पर्यावरण से जुड़े समाजसेवियों ने विरोध जताना शुरू कर दिया है.
बीसीसीएल के पीबी एरिया गोपालीचक में जैसे ही जंगल काटने बीसीसीएल के लोग पहुंचे तो महिलाएं अपने बच्चों के साथ पेड़ से चिपक कर विरोध करने लगीं. जिसके बाद जंगल काटने आए अधिकारियों और कर्मचारियों को बैरंग वापस लौटना पड़ा.
लोगों का कहना है कि धनबाद कोलफील्ड क्षेत्र है और यहां प्रदूषण चरम पर है. ऐसे में जंगलों को उजड़ने से रोकने और अपने आने वाले पीढ़ियों को बचाने के लिए जंगलों को सहेजना जरूरी है. कोलयरी प्रबंधन कोयला उत्पादन बढ़ाने के लिए बेतहाशा पेड़ों और जंगलों को उजाड़े जा रहे हैं. चंद पेड़ों को काटने कि अनुमति लेकर हजारों पेड़ों को काटा जा रहा है. जब भी कोई जंगल में पेड़ों को काटने आएगा इसी तरह पेड़ों से लिपटकर वे लोग आंदोलन करते रहेंगे.