विधानसभा में आवाज उठने के बाद खुलकर आगे आया पीड़ित परिवार

• झामुमो रामगढ़ जिलाध्यक्ष बिनोद किस्कु की कार्यशैली की प्रेस वार्ता कर दी विस्तृत जानकारी
• कहा राज्य से न्याय नहीं मिलने पर करेंगे केंद्र का रुख
रांची | वरीय संवाददाता
नौकरी के नाम पर पैसा वसूली का मामला विधानसभा में उठने के बाद पीड़ित परिवार का हौसला बढ़ा है। होटल लॉ मेरीटॉल रामगढ़ के सभागार में गुरुवार को ग्रामीण पतरातू पलानी निवासी गहन मांझी, बजरमरी निवासी बाबुलाल मांझी, सारूबेड़ा निवासी रॉयल मांझी, पन्नाटांड मांडू निवासी राजेंद्र मुर्मू, हरिलाल बेदिया, पार्वती देवी, संजय मांझी, लखीराम मांझी ने संयुक्त रुप से प्रेस वार्ता किया। बताया कि वर्ष 2011-12 में वेस्ट बोकारो व विभिन्न कोलियरी में नौकरी दिलाने के नाम पर पार्टी के समर्थित कार्यकर्ता और पदाधिकारी से झामुमो रामगढ़ जिलाध्यक्ष बिनोद किस्कू ने पैसा लिया था। इस दौरान बिनोद किस्कू ने पांच-छह माह में नौकरी लगाने की बात कही थी। कई वर्ष बितने के बावजूद अब तक हमलोगों का नौकरी नहीं लगा। साथ ही किसी को पैसा भी वापस नहीं मिला। इसकी शिकायत झामुमो सुप्रीमो सह राज्यसभा सांसद शिबू सोरेन, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सहित तमाम वरीय पदाधिकारियों से की गई। इसके बावजूद पैसा वापसी के नाम पर केवल आश्वासन मिलता रहा। झामुमो केंद्रीय महासचिव फागू बेसरा की मध्यस्था में रामगढ़ में एक बैठक 2019 को हुई थी। जिसमें बिनोद किस्कु ने पैसा वापस देने की हामी भरी। इसके बावजूद अब तक पैसा वापस नहीं मिला। जिसके विरुद्ध हमलोग वेस्ट बोकारो ओपी में केस भी किए हैं। किसी प्रकार की सुनवाई नहीं होने पर मांडू विधायक निर्मल महतो उर्फ तिवारी महतो को ठगी की जानकारी दी। जिसे उन्होंने विधानसभा में स्पीकर के समक्ष मजबूती से उठाया। इसके लिए सभी ने मांडू विधायक का आभार भी जताया।
स्पीकर को उपलब्ध कराए गए शिकायत संबंधित कई महत्वपूर्ण दस्तावेज
पत्रकारों को बताया कि विधानसभा स्पीकर को मांडू विधायक ने बिनोद किस्कु के खिलाफ पीड़ित परिवार के संबंधित थाना और एसपी को दिए आवेदन उपलब्ध कराया है। जिसमें संबंधित थाना का रिसिविंग, मोहर, एसपी कार्यालय का रिसिविंग और मोहर लगा आवेदन शामिल है। इसके अलावा पीड़ित परिवार की ओर से झामुमो सुप्रीमो सह राज्यसभा सांसद शिबू सोरेने और राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के समक्ष शिकायत का कॉपी शामिल है। जिसमें झामुमो जिला कार्यकर्ता हरिलाल बेदिया ने नौकरी के नाम पर 5 लाख रुपए लेने, संगठन सचिव बाबूलाल मरांडी ने 4 लाख रुपए लेने, प्रखंड सचिव सनमति देवी ने 10 लाख रुपए लेने, सोनारोम सोरेन ने 8 लाख 42 हजार, रोयल मांझी ने 10 लाख रुपए लेने, राजेंद्र मुर्मू ने 9 लाख 50 हजार रुपए लेने, संजय मांझी ने 10 लाख रुपए लेने, गहन मांझी ने 16 लाख रुपए लेने, लखीराम मांझी ने 13 लाख रुपए लेने की बात कही है। इसके अलावा शिकायत की पोटली में और भी कई महत्वपूर्ण दस्तावेज है। 

प्रेस वार्ता के दौरान झामुमो जिलाध्यक्ष बिनोद किस्कु के कार्यशैली की जानकारी देते पीड़ित परिवार।

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