अग्निपथ योजना के माध्यम से भारतीय सशस्त्र सेनाओं में आएगा परिवर्तनकारी बदलाव।
जानिए, इस योजना की पात्रता और भर्ती की शर्तें एवं अन्य प्रमुख बातें!
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को ‘अग्निपथ भर्ती योजना’ का ऐलान किया. उनके साथ तीनों सेनाओं के प्रमुख और सैन्य मामलों के विभाग के अतिरिक्त सचिव लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी भी मौजूद रहे. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बताया कि अग्निपथ भर्ती योजना के तहत सेना में 4 साल के लिए युवाओं को भर्ती किया जाएगा. उन्हें अग्निवीर सैनिक कहा जाएगा. इसके साथ ही उन्हें सेवा का कार्यकाल समाप्त होने पर सेवा निधि पैकेज मिलेगा.
इस योजना के तहत भर्ती होने वाले 75 फीसदी अग्निवीर सैनिकों को 4 साल बाद सेवा मुक्त कर दिया जाएगा, अन्य 25 प्रतिशत अति प्रतिभाशाली युवाओं को सेनाएं रिटेन करेंगी. 17.5 साल से 21 साल तक की उम्र वाले युवा इसके लिए आवेदन कर सकेंगे. उनकी ट्रेनिंग 10 हफ्ते से 6 महीने तक की होगी. 10/12वीं के छात्र आवेदन कर सकेंगे. जो युवा 10वीं के बाद भर्ती होंगे उन्हें सेना की ओर से 12वीं का सर्टिफिकेट दिया जाएगा.
अधिक जानकारी चित्रों के माध्यम से जानें
पिछले दो साल में इस पर व्यापक विचार-विमर्श के बाद नई योजना की घोषणा की गई है. इस योजना के तहत भर्ती होने वाले सैनिकों को ‘अग्निवीर’ कहा जाएगा. वर्तमान में सेना 10 साल के शुरुआती कार्यकाल के लिए ‘शॉर्ट सर्विस कमीशन’ के तहत युवाओं की भर्ती करती है, जिसे 14 साल तक बढ़ाया जा सकता है. ‘अग्निपथ’ योजना सैनिकों, वायुसैनिकों और नाविकों के नामांकन के लिए एक अखिल भारतीय योग्यता-आधारित भर्ती योजना है.
नई योजना का उद्देश्य तीनों सेवाओं के वेतन और पेंशन खर्च को कम करना है, जो तेजी से बढ़ा है. साल 2022-23 के लिए 5,25,166 करोड़ रुपये के रक्षा बजट में रक्षा पेंशन के लिए 1,19,696 करोड़ रुपये शामिल हैं. राजस्व व्यय के लिए 2,33,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया था. राजस्व व्यय में वेतन के भुगतान और प्रतिष्ठानों के रख-रखाव पर खर्च शामिल है.