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30 साल का हो गया अपना चतरा: चतरा दिवस की शुभकामनाएं

प्राकृतिक सौंदर्य, संपदा व जंगली पशु चितरा की बहुलता के कारण चतरा जिला का नाम चतरा पड़ा. झारखंड के उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल के प्रवेश द्वार कहे जाने वाले चतरा जिला की स्थापना 29 मई 1991 को हुई थी. आज जिला स्थापना का 30 साल पूरा हुआ है. आज चतरा 31वें साल में प्रवेश कर जायेगा.

चतरा जिला की स्थापना हजारीबाग से विभाजित कर किया गया. एक स्वतंत्र जिला के रूप में अस्तित्व में आने से पूर्व चतरा हजारीबाग जिले का एक अनुमंडल हुआ करता था. जिला की स्थापना चतरा के तत्कालीन विधायक महेंद्र सिंह भोगता के प्रयास से संयुक्त बिहार के मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने की थी.

समारोह में हजारीबाग के तत्कालीन सांसद भुवनेश्वर मेहता समेत अन्य गणमान्य लोग शामिल हुए थे. जिला स्थापना में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका यादव विक्रम सहदेव अंगार उर्फ सहदेव यादव ने निभायी थी. उनकी क्षेत्र में सक्रियता बढ़ता देख दो अक्तूबर 1992 को हत्या कर दी गयी.

जिला की स्थापना एक अनुमंडल चतरा व छह प्रखंड क्रमश: चतरा सदर प्रखंड, सिमरिया, टंडवा, प्रतापपुर, हंटरगंज व इटखोर प्रखंड के साथ हुई. जरूरत के अनुसार धीरे-धीरे प्रखंड बढ़ता चला गया. तीन मार्च 2014 को सिमरिया अनुमंडल अस्तित्व में आया. इस तरह वर्तमान में दो अनुमंडल व 12 प्रखंड हैं. जिले में ऐतिहासिक, पुरातात्विक, धार्मिक व प्राकृतिक दृष्टिकोण से कई महत्वपूर्ण स्थल हैं.

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